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सितंबर, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

देश की कंपनी टाटा :interesting facts of tata industries

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    जानते है देश की नामांकित कंपनी टाटा इंडस्ट्रीज के बारे में।  आज आप कही भी जाओ गांव, शहर देश या विदेश या आप रेगिस्तान, या  क्यों न हो टाटा ग्रुप की कोई न कोई चीज आपको जरूर देखने को मिलेगी।  अगर बात करे उनके प्रोडक्ट की तो पिन से लेके प्लेन  तक या घर में लगने वाली सभी जरुरत की चीजे जैसे चायपत्ती, नमक,कार,बस,स्टील,अदि। टाटा समूह की कार को आज काफी पसंद किया जाता है,                      टाटा  इंडस्ट्रीज की शुरुवात जमशेदजी टाटा ने सन १८६८ में मुंबई से की, और आज भी इसका मुख्यालय मुंबई में ही है। जमशेदजी टाटा का जन्म १८३९ में गुजरात के एक कसबे नवसारी में हुआ था जो की एक पारसी पादरी खानदान था ,उनके माता का नाम जीवनबाई तथा पिता का नाम नौशेरवांजी था। नौशेरवांजी अपने खानदान में पहले व्यवसायी थे।  2011 में इक्विटीमास्टर के एक सर्वे में 61% लोगों ने टाटा समूह  को सबसे ज्यादा  विश्वासु  ने कंपनी घोषित किया।                               टाटा समूह कि कुल  96  कम्पनियां है जो 7 अलग अलग व्यवसाय  क्षेत्रों में सक्रिय हैं। टाटा समूह ६ महाद्वीपों के 40 से भी अधिक देशों में सक्रिय है। अगर बात करे २०२२

चंद्रपुर जिल्हा प्रसिद्द ऐतिहासिक ठिकान most popular historical places in chandrapur

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यहाँ के ऐतिहासिक जगहों के बारेमे जानने से पहले जाते है कुछ खास विशेषताएं ।।    महाराष्ट्र का चंद्रपुर अधिकतम 47 डिग्री से., न्यूनतम 7 डिग्री से.के साथ दुनिया का सबसे गर्म जिल्हा माना  जाता है,  महाराष्ट्र का चन्द्रपुर जिला बिटिश शासन के दौरान चांदा   नाम से जाना जाता था।  यह जगह इंद्रदेवता की नगरी भी  मानी जाती है इसीलिए इसे इंद्रपुरी के नाम से भी जाना  है।  यहाँ गोंडराजाओ  ज़माने का किला है जिसके दिवार  लम्बाई करीब ११ किमी है।    यहाँ का क्षेत्रफल ११४४३   वर्ग किमी तक फैला हुआ है, यहाँ की मुख्य भाषाएँ मराठी ,हिंदी, तथा अंग्रेजी है।  यहाँ का ताडोबा राष्ट्रिय उद्यान देश विदेश में काफी प्रसिद्द है , यहाँ आम तौर पर तेंदुआ,बाघ,भालू,बन्दर,हिरन,नीलगाय,मगरमच्छ,अदि प्रकार के वन्य जिव तथा कई प्रकार के पक्षी देखने  मिल सकते है। चंद्रपुर नागपुर से १५२ किमी है,यहाँ आने के लिए आपको ट्रेन,बस, की सुविधा है।  पुरे भारत में जितने बाघ है उससे ६०% बाघ इसी जंगल में पाए जाते है इसीलिए ये जगह टूरिस्ट अट्रैक्शन भी है।  अब जानते है यहाँ की कुछ खास ऐतिहासिक जगह के बारे में    अंचलेश्वर मंदिर चांदा  फोर्ट रेल

अमेरिकन उद्योजक jeff bezos founder of amazon

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 अमेरिकन उद्योजक नाम जेफ्फ बेजोस जन्म १२ जाने.  १९६४ अलबकरिक, मैक्सिको  अमेरिका में हुआ, मीडिया प्रोपराइटर, निवेशक और वाणिज्यिक अंतरिक्ष यात्री हैं। जेफ बेजोस  Amazon.com  के संस्थापक और कार्यकारी और ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के मालिक और अंतरिक्ष अन्वेषण कंपनी ब्लू ओरिजिन के संस्थापक हैं। जो पहले कंपनी के अध्यक्ष, सीईओ के रूप में कार्य कर चुके हैं। उनके सफल व्यावसायिक उपक्रमों ने उन्हें दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक बना दिया है।  जिनके माता   jacklyn   gise , Miguel Bezos  पिता  ted jorgensen है। उनकी माता की शादी काम उम्र में हुई। जब बेजोस 4 साल के थे, तब उनकी मां ने क्यूबा के अप्रवासी माइक बेजोस से दोबारा शादी की।जेफ बेजोस का जन्म किसी अमीर परिवार में नहीं हुआ था,बल्कि  जब वे पैदा हुए थे, तब उनके माता-पिता 17 और 18 वर्ष के थे, और उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत में टेक्सास के कोटुल्ला में अपने नाना-नानी के खेत में काम किया। शुरुवात में उन्होंने काफी संघर्ष किया। जेफ बेजोस ने 1994 में सिएटल में अपने गैरेज से ई-कॉमर्स दिग्गज अमेज़ॉन की स्थापना की।   एक अमेज़न की शुरुवात ऑनलाइन बुकस्टोर के स

The rise of vainganga river वैनगंगा नदी उदय

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                                                                                                तबसे इस नदी का नाम   वेनगंगा   पड़ा   मध्यप्रदेश:  शुरुवात    करने से पहले आइये जानते है की, नदी का नाम वैनगंगा कैसा पड़ा क्या   कुछ इसके पीछे की कहानी है। इस नदी का उगम कहा से हुआ और इसकी पौराणिक कहानी क्या है। कहा जाता है की सातपुडा  पर्वतो   के निचे डोंगरगढ़ संस्था थी जिसका राजा धार्मिक तथा शिवभक्त  था।  राजा की शिव जी पर अटूट श्रद्धा थी।  राजा को एक गंगा नामक कन्या थी, और राजा को पुत्र नहीं था इसीलिए राज्य को एक राजकुमार की कमी महसूस हो रही थी।  उसकी पूर्ति करने के लिए राजा ने वेन   पुत्र को दत्तक लिया।  राज्य काफी खुशहाल था तथा दोनो भाई बहिन  एक दूसरे से काफी प्रेम करते थे। एक बार राज्य में बरसात  नहीं हुई  जिसके चलते पानी गंभीर समस्या उत्पन्न हुई , खेती के लिए , तथा पिने के लिए पानी की उपलब्धि नहीं थी जिसके कारन राजा काफी परेशांन  हुआ।  इस का हल निकलने के लिए राज्य के विद्वान् पण्डितोसे मिलके एक एक विधिवत पूजा का आयोजन किया गया।  उसी रात राजा के सपने में भगवन शिव आये और कहा की पूजा के